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Tuesday, August 27, 2024

लेटरल इंट्री के जरिए हुई नियुक्ति के विरोध में देश के प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी बिजनौर को एक ज्ञापन दिया गया

 (हम सबका दर्पण)
बिजनौर कलेक्ट्रेट में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के सम्मानित चेयरमैन शाहनवाज़ आलम  के निर्देशानुसार और वसीम अकरम (एङ) ज़िलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग बिजनौर के नेतृत्व मे लेटरल इंट्री के जरिए हुई नियुक्ति के विरोध में देश के प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी बिजनौर को एक ज्ञापन दिया गया और पूर्व में लैटरल एंट्री के माध्यम से नियुक्त हुए व्यक्तियों को पद से हटाने और  उन्हें दिए गए वेतन की वसूली की मांग की।
पिछले दिनों 17 अगस्त 2024 को आपकी सरकार द्वारा जॉइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डेप्युटी डायरेक्टर पोस्ट के लिए 45 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. जिसके बाद जननायक और नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने 19 अगस्त को इन नियुक्तियों को पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को मिले आरक्षण के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी, उनकी इस मांग के बाद दूसरे दिन यानी 20 अगस्त को आपकी सरकार द्वारा लैटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापन को आरक्षण का प्रावधान न होने का हवाला देते हुए वापस लेने का स्वागत योग्य काम किया गया. लेकिन सवाल यह है कि 2019 से अब तक जिन 63 लोगों की लैटरल एंट्री के ज़रिये नियुक्तियां हुई हैं उन्हें भी क्यों नहीं पद से हटाया गया? जब यह योजना गैर संवैधानिक पाए जाने के कारण ही रद्द की गयी तो तार्किक तौर पर पूर्व में इस असंवैधानिक योजना से नौकरी पाए लोगों की नियुक्ति भी स्वतः अवैध हो जाती है. इन 63 में से 6 लोग तो सरकार से मोटी तनख़्वाह लेकर फ़िर से निजी सेक्टर में भाग चुके हैं ।
अतः आपसे निवेदन है कि अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इन लोगों को पद से हटाएं और उन्हें दिये गए वेतन और अन्य भत्तों की तय समय सीमा में वसूली सुनिश्चित करें ।
इस दौरान वसीम अकरम (एङ) ज़िलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक बिजनौर, अल्पसंख्यक प्रदेश उपाध्यक्ष हुमांयू बेग, आदित्य राजपूत वरिष्ठ कांग्रेस नेता, विशाल अग्रवाल  वरिष्ठ कांग्रेस  नेता, वकार अहमद सभासद, नादिर मलिक, सारिम नबी वकार मेम्बर,तेहजीब अमान, शादाब यूनुस, उज़ैर एड, जुल्फिकार अहमद शाहिद मंसूरी, अफजाल अंसारी, पप्पू हलवाई, रिज़वान कुरैशी, डॉक्टर नदीम, वसीम, मंसूरी, मुख्तार अंसारी, रशीद अहमद डॉक्टर जुनैद अली, डॉक्टर अजीम अहमद, मतीन चौधरी, मौहम्मद हिफज़ान, शाहबाज़ अंसारी नौशाद मलिक, दिलशाद अंसारी, महमूद अंसारी,जावेद, मौहम्मद दिलशाद , मौहम्मद अजमल, मास्टर अली, जमाल अब्बास, अशरफ अंसारी, रशीद मंसूरी, शफीक सैफी, इमरान सिद्दीकी, कुतुबुद्दीन अहमद, आसिफ अंसारी, मौहम्मद आरिफ, आदिल अहमद आदि मौजूद रहे।

Sunday, August 11, 2024

राजनीति एक व्यवस्था है।


रामरतन सिंह विश्वकर्मा की कलम से
(राष्ट्रीय अध्यक्ष) राष्ट्रीय नवप्रभात पार्टी 

*जो संम्पन्न हैं उन्हें आवश्यकता नहीं,जो मध्यम हैं उनके पास समय नहीं,और संम्पन्न नहीं वो कुछ कर सकते नहीं, राजनीति क्या है, इसकी जरूरत हर सम्पन्न,मध्यम,निम्न को क्यों.? राजनीति एक व्यवस्था है जिससे हर व्यक्ति के हित जुड़े हैं,हर कोई इस व्यवस्था से प्रभावित होता है,इस व्यवस्था में भागीदार हुए बिना हितों और अधिकार का संरक्षण नहीं किया जा सकता,जो भागीदार होते हैं वो दूसरों के हित प्रभावित करते हैं,और प्रभावित व्यक्ति समाज अपने मूल विकास से पीछे छूट जाता है,लोकतंत्र में संख्याबल महत्व पूर्ण होता है,और इस संख्या बल को समाज का शिक्षित और सम्पन्न वर्ग ही संगठित कर सकता है,,लेकिन दुर्भाग्य से वो स्व स्वार्थ एवं अहं वश इसे करना नहीं चाहता,और ऐसा कोई भी समाज स्टेप बाई स्टेप अपने मूल विकास से पीछे छूटता चला जाता है,,फिर वो समाज समाज नहीं व्यवस्था की नजरों में एक समूह से ज्यादा कुछ नहीं होता,और उसे दूसरे ज्ञानी समझदार लोग साथ लगाकर बहका कर अपना स्वार्थ सिद्ध करते रहते हैं,हित एवं अधिकार संरक्षित रहे,इस लिये राजनिती और राजनैतिक व्यवस्था में भागीदारी जरूरी होती है,संम्पन्न,शिक्षित व्यक्ति ये जानता है,लेकिन जानकर भी अपने अहं वश ये भूल जाता है कि अगर वो अपने इस निम्न अल्प साधन,या साधन विहीन समाज को साथ लेकर चले तो उसकी स्वयं की ताकत आसमान छूती है और उसके साथ उसका पूरा समाज लाभान्वित होकर विकास की ओर चल पड़ता है,और सर्व समाज में अपनी हैसियत को सम्मानित स्थान पर प्राप्त करता है।