Tuesday, August 15, 2023

आजादी की लड़ाई में जैनो का बलिदान अद्वितीय रहा :- गौरव जैन

डा० एम ए तोमर
मुजफ्फरनगर। 15 अगस्त को जैन एकता मंच"राष्ट्रीय" ने भी समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस के लिये शुभकामनाएं दी गोष्ठी कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में जैनो की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि इतिहास साक्षी है जैन अपनी वसुंधरा-मातृभूमि-संस्कृति व देश को बचाने के लिये सदैव रणभूमि में खड़े हुये हैं तथा स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले हमारे जैन पूर्वजों का इतिहास अद्वितीय है 
जैन एकता मंच"युवा शाखा" के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव जैन ने यह भी बताया कि हमारे पूर्वज सत्य का पर्याय थे जो जैनी ने गवाही दे दी वही उस समय सत्य हो जाया करती थी व आजादी की लड़ाई में जैनो का बलिदान अद्वितीय है। मौके पर मौजूद जैन समाज के सम्भ्रांत लोगो ने अनेको घटनाओ की चर्चा भी की जिसमे आजादी के राजनैतिक इतिहास की अविस्मरणीय घटना १८५७ की जिसमे दो अमर जैन शहीद श्री लाला हुक़ूमचन्द जैन और श्री अमर चंद बांठिया हुए जिसमे श्रीमान वीर शहीद लाला हुकुमचंद जी जैन १९जनवरी १८५८ को उनके मकान के सामने कृतम तरीके से फांसी दे दी गई व श्रीमान वीर शहीद अमरचंद जी बांठिया जब १८५७ का समर जोरो पर था तब ग्वालियर राज्य के कोषाध्यक्ष श्री अमर चंद बांठिया जी ने १८५७ के समर में झूझ रहे क्रांतिकारियो को सहायता दी थी जिस कारण २२ जून १८५८ को को ग्वालियर में झूठे राजद्रोह के अपराध में आप को फांसी दे दी गई थी इसी प्रकार श्रीमान वीर शहीद मोतीचंद जी शाह जब अंग्रेजों भारत छोड़ो जैसे नारे लग रहे थे उंस समय 'शाह' सार्वजनिक मंचो से "औपनिवेशिक स्वराज्य’ की मांग रखते थे जिन्होंने जेल में १० उपवास भी किये थे आप को षड्यंत्रकारी बता फांसी पर लटका दिया गया इनके अलावा श्रीमान वीर शहीद सिंघई प्रेमचंद जी जैन दिसम्बर १९३३ में पूज्य महात्मा गांधी जी का दमोह में जब आगमन हुआ आपके भीतर गांधी जी का भाषण सुन ऐसी देश भक्ति जगी की आप "खादी’ के प्रचार में लग गये और तब आप को जेल में जहर देकर छोड़ दिया मरने के लिये इसी कड़ी में श्रीमान शहीद वीर सताप्पा टोपणणावर’ १६ वर्ष की उम्र में आपने असहयोग आंदोलन शुरू किया,कई बार जेल गए व सिंह गर्जना के साथ अंग्रेजों को जबाब दिया और आप को गोली मार दी गई आप शहीद हो गए वक्ताओं ने यह भी बताया कि श्रीमान अमर शहीद वीर उदय चंद जैन जी शहीद भगतसिंह और चंदशेखर आजाद को बहुत मानते थे आप छोटी सी उम्र में भी पुलिस से कभी नही डरे अंग्रेजो द्वारा आप की सभा पर लाठीचार्ज हुआ व आप भी शहीद हुए इनके अलावा श्रीमान वीर शहीद साबूलाल जैन जी बैसाखिया’ गढ़ाकोटा जिला सागर जिसमे बुंदेलखंड के हृदय स्थल आजादी की लड़ाई से अछूता नही रहा आप अपने ५ साथियो साथ तिरंगा झंडा लिए आगे बढे आप सभी ने यूनियन जेक निकालकर तिरंगा लगाने की कोशिश की सामने से धांय धांय गोलियां चली आप सभी शहीद हो गए जैन महिलाएं भी बलिदान में पीछे नही रही जिनमे श्रीमती अमर शहीद कुमारी जयावती संघवी मुख्य नाम है। आप एक बार बाल उम्र में ही जुलूस का नेतृत्व कर रही थी पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमे आप शहीद हो गई इन सभी शहीदो की सूची में श्रीमान अमर शहीद अण्णा पन्नावले,श्रीमान अमर शहीद मगनलाल ओसवाल जी,श्रीमान वीर अमर शहीद भूपाल अणसकुरे,श्रीमान अमर शहीद कंधीलाल जैन,श्रीमान अमर शहीद मुलायम चंद जैन,श्रीमान अमर शहीद चौधरी भैयालाल जी’ जिला दमोह,श्रीमान अमर शहीद चौथमल भंडारी जी,श्रीमान अमर शहीद भूपाल पंडित,अमर शहीद भारमल जी जैन आदि ने भी स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ का भागेदारी की व कुर्बानियां दी इन सभी महान क्रांतिकारी बलिदानियों के द्वारा वक्ताओं ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में जैनो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जैन धर्मावलम्बियों ने बढ़चढ़ आंदोलनों में हिस्सा लिया व तन,मन,धन से सहयोग दिया जैन धर्मावलंबियों के बलिदान को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नही किया जा सकता 
गोष्ठी में विप्लव जैन,अंकुर जैन,मुदित जैन,अजय जैन,रोहित जैन,डॉ अमित जैन,आशीष जैन,अश्वनी जैन,पुनीत जैन,शुभम जैन,सुनील जैन,नितिन जैन आदि  मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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