कल दिनांक 16 मई 2025 दिन शुक्रवार शाम 8.30 बजे सर्कुलर रोड स्थित आई एम ए भवन में एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सी॰एम॰ई॰) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष डॉ सुनील चौधरी ने की व संचालन डॉ अनिल कक्कड़ ने किया l सचिव डॉ मनोज काबरा ने सभी का स्वागत व धन्यवाद किया l इस बार फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा से पधारे वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव गेरा ने रिसेंटएडवांसेज इन एंजियोप्लास्टी विषय पर व्याख्यान दिया और चिकित्सकों को इसकी बारीकियो के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आपका हृदय स्वास्थ्य आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एथेरोस्क्लेरोसिस की गंभीर जटिलताओं, जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक को रोकने के लिए अक्सर एंजियोप्लास्टी आवश्यक होती है।एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग कोरोनरी धमनी रोग के कारण अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है। यह ओपन-हार्ट सर्जरी के बिना हृदय की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह को बहाल करता है। एंजियोप्लास्टी आपातकालीन स्थिति में की जा सकती है, एंजियोप्लास्टी एक न्यूनतम चिकित्सा प्रक्रिया है जो धमनियों (बड़ी रक्त वाहिकाओं) को खोलती है ताकि रक्त अधिक आसानी से प्रवाहित हो सके। यह आमतौर पर आपकी धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस ( जो कि वसा और कोलेस्ट्रॉल का धमनियों के अंदर भित्ति में जमा होकर रक्त प्रवाह को बाधित करता है ) का इलाज करता है।एंजियोप्लास्टी में एक छोटा मेडिकल गुब्बारा प्रयोग किया जाता है जो प्लाक को उन स्थानों से बाहर धकेलता है जो बहुत संकीर्ण या अवरुद्ध होते हैं l इस दौरान नई खुली धमनी को खुला रखने में मदद करने के लिए उसमें एक स्थायी स्टेंट (एक छोटी ट्यूब) लगाया जा सकता है या नहीं भी लगाया जा सकता है। ये ड्रग कोटेड हो सकता है, आजकल केवल ड्रग कोटेड बालियों से भी एंजियोप्लास्टी की जाती है , स्टेंट लगाना ज़्यादातर एंजियोप्लास्टी के बाद होता है। एंजियोप्लास्टी आम तौर पर सुरक्षित प्रक्रिया है। वे बाईपास सर्जरी जैसी अन्य हृदय और संवहनी प्रक्रियाओं की तुलना में आसान व कम खर्चीला हैं l डॉ. संजीव गेरा ने युवा रोगियों में हृदय रोग के शुरुआती निदान और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। मूक हृदय रोग को पकड़ने के लिए लिपिड प्रोफाइल, व्यायाम तनाव परीक्षण और हृदय का सीटी कैल्शियम स्कोर आवश्यक है। उन्होंने हृदय में रुकावटों के इलाज के लिए 3डी इमेजिंग और स्टेंट रहित एंजियोप्लास्टी जैसी नई तकनीकों के बारे में भी चर्चा की, खासकर बहुत युवा और वृद्ध रोगियों के लिए। अन्य प्रगति गैर-सर्जिकल पेसमेकर और वाल्व ऑपरेशन हैं, जिससे अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है और जोखिम भी कम होता है।
हृदय रोग एक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है।डायबिटीज व उच्च रक्तचाप इसके मुख्य कारनों में हैं। हमारी जीवनशैली की कुछ आदतें, खानपान की ग़लत आदते , अत्यधिक वसायुक्त भोजन व अधिक नमक आदि का सेवन , तनाव पूर्ण जीवन , शराब का सेवन धूम्रपान, व्यायाम या अन्य शारीरिक परिश्रम का अभाव आदि इसके खतरे को बढ़ाते हैं ।
एंजियोग्राफी आदि स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रारंभिक पहचान से इसका शीघ्र पता लग सकता है और बेहतर उपचार हो सकता है.
निस्संदे रोगियों के इलाज में ये तकनीक वरदान साबित हुई है l बाद में प्रश्नोत्तर काल में विषय विशेषज्ञों ने उपस्थित चिकित्सकों की शंकाओं का समाधान भी किया ।
सभा में काफ़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे जिसमें मुख्य रूप से मीडिया प्रभारी डॉ सुनील सिंघल, प्रेसिडेंट इलेक्ट २०२५-२६ डॉ यश अग्रवाल, डॉ डी एस मालिक, डॉ एम के बंसल , डॉ एम आर एस गोयल , डॉ रमेश माहेश्वरी, डॉ आर एन गंगल, डॉ ईश्वर चन्द्रा, डॉ आमोद कुमार, डॉ अनिल सिंह, डॉ पंकज जैन , डॉ सत्यम राजवंशी ,डॉ अनुभव सिंघल , डॉ अनिल राठी , डॉ मनीष अग्रवाल , डॉ अखिल गोयल,डॉ पी के चाँद, , डॉ अशोक शर्मा, डॉ रवींद्र जैन , डॉ हेमंत शर्मा, डॉ पंकज अग्रवाल, डॉ डी पी सिंह, डॉ विनीत मिनोचा, डॉ अजय सिंघल, डॉ डी के शर्मा , डॉ पंकज सिंह , डॉ राजीव काम्बोज ,डॉ अरविंद सैनी, डॉ सुजीत कुमार सिंह , डॉ ललिता माहेश्वरी, डॉ निशा मलिक आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
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