*मीनाक्षी चौक को भगवान वाल्मीकि चौक की मांग राजनीतिक षड्यंत्र - दीपक गम्भीर*
*मुजफ्फरनगर* - मीनाक्षी चौक का नाम बदलकर भगवान वाल्मीकि चौराहे किये जाने की मांग पर वाल्मीकि क्रान्ति दल के सुप्रीमो दीपक गम्भीर ने प्रेस ब्यान जारी कर बाताया कि मीनाक्षी चौक एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। जहां पर भैंस बकरा मुर्गा आदि पके मांस की बिक्री होती है। जोकि आज नोनवेज मीट मार्किट होटल के नाम से प्रचलित है। सुबह से लेकर देर रात तक मांस मदिरा पीने वाले लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे स्थान पर रामायण रचिता भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना धर्म संगत व कानून नियम विरुद्ध भी है। लेकिन आज कुछ हिंदू संगठन सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मीनाक्षी चौक पर भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना की मांग कर रहे है। यदि हिन्दू संगठन वास्तव मे भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना कर वाल्मीकि समाज को सम्मान देना चाहते है तो बाईपास पर राणा चौक , टाऊन हाल रोड़, काली नदी पुल रोड़ आदि को भगवान वाल्मीकि चौक की मंजूरी की मांग कर मूर्ति स्थापना कराने मे सहयोग करें। लेकिन विडंबना की बात यह है कि 2023 मे टाऊन हाल रोड़ पर वाल्मीकि क्रान्ति दल के नेतृत्व मे टाऊन हाल रोड़ पर भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना कर दी गई थी। तब उसका विरोध हिन्दू भाइयों ने ही किया था तब हिन्दू संगठनों ने सहयोग क्यों नहीं किया। ये समझ से परे है कि हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र मे भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना करे तो ये लोग विरोध करते हैं।
और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मे भगवान वाल्मीकि चौराहे की मांग स्वयं करते हैं। ये सब एक राजनीतिक षड्यंत्र है। जिसमें वाल्मीकि समाज की धार्मिक भावनाओं को जोड़कर वाल्मीकि चौराहे को मुद्दा बनाकर वाल्मीकि समाज व मुस्लिम समाज में चौराहे को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो और उन्हें राजनीति लाभ पहुंचे। वाल्मीकि क्रान्ति दल हिन्दू संगठन का साधुवाद करता है कि आपने वाल्मीकि समाज की कई वर्षो से चली आ रही चौराहे की मांग को अपने स्तर से उठाने की पहल की। और मै अनुरोध करता हूं । समाज के उन लोगों से जो एक हिन्दू संगठन का सम्मान एवं समर्थन तो कर रहे है। लेकिन उन्हें एक सम्मान जनक और उचित स्थान का सुझाव भी दे, नाकि दुर्गन्ध भरी मांस मदिरा वाली जगह का समर्थन करें। विडंबना की बात है कि वाल्मीकि समाज का ठेकेदार बन कर पूरे समाज के समर्थन की बात करने वाले तब कहां चले गये थे। जब 2023 मे वाल्मीकि चौराहे पर प्रशासन का हथौड़ा चल रहा था।काश ये ज्जबा और समर्थन उस वक्त दिखाया होता तो आज भगवान वाल्मीकि चौराहे एक राजनीतिक मुद्दा न बनता। 2023 मे भी हिन्दूत्व की सरकार थी और आज भी हिन्दूत्व की सरकार है देखना ये है कि भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना कब और कहां होगी, होगी भी या नही होगी या फिर ये एक राजनीतिक मुद्दा बनाकर रह जायेगा।
वाल्मीकि समाज को धुंधली सी उम्मीद नगर विधायक राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल व चैयरपर्सन मिनाक्षी स्वरुप से है कि वह वाल्मीकि समाज की धार्मिक भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए टाउनहॉल रोड़, राणा चौक, काली नदी पुल रोड़ आदि एक स्थान पर भगवान वाल्मीकि चौराहे की स्थापना कर समाज को सम्मान व मुजफ्फरनगर मे आपसी सौहार्द्र क़ायम रखेंगे।
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