Sunday, July 2, 2023

तीन दिवसीय ‘‘माइस्टरी ऑफ ग्रेट टीचिंग’’ के कार्यक्रम का जोरदार समापन हुआ।

मुजफ्फरनगर। होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा के सभागार में चल रहे तीन दिवसीय ‘‘माइस्टरी ऑफ ग्रेट टीचिंग’’ के तीसरे दिन का शुभारम्भ मुख्यवक्ता रणवीर सिंह, विजय कुमार एजुकेशनल ट्रेनर, भुजेन्द्र कुमार, डॉ0 कल्पना शर्मा, कुलदीप सिवाच, महेश पाल, अनिल शास्त्री, पंकज धीमान, प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया व अध्यक्ष रीटा दहिया द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया। कार्यशाला के मुख्य डॉ0 रणवीर सिंह ने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षक व शिक्षिकाओं को सम्बोधित करते हुए नई शिक्षा नीति में होने वाले परिवर्तनों से अवगत कराया कि समय बदला, सरकार बदली उसकी का परिणाम है कि लगभग 35 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति हमारे सामने है उसी के बारे में हम बात करने जा रहे है 29 जुलाई 2020 को भारत के प्रधानमंत्री मा0 नरेन्द्र मोदी द्वारा नई शिक्षा नीति लागू की गयी, जो कि बडी बात नहीं है बडी बात यह है कि जो शिक्षा नीति चल रही थी उसी में संशोधन की जरूरत थी।   
मुख्यवक्ता विजय कुमार ने अपनी बात आरम्भ करते हुए बताया कि संस्कारों की वजह से ही यह दुनिया टिकी हुई है। अतः शिक्षक अपना प्रभाव छात्र-छात्राओं पर बनाये रखे, शिक्षक ही बच्चों में ऊर्जा संचालित करता है। शिक्षक को चाहिए वह जो कुछ भी बच्चों के लिए करें पूर्ण विश्वास व उत्साह के साथ करें अन्यथा कुछ भी न करें क्योंकि अध्यापक ही बच्चों के रोल मॉडल है। कार्यशाला में मुख्यवक्ता डॉ0 कल्पना शर्मा के अनुसार अध्यापक की इमोशन उसके लर्निंग से जुडी होती है। अतः उसे बच्चों के बीच पोजिटिव और नेगिटिव विषय वस्तु का ज्ञान होना चाहिए। 
मुख्य अधिवक्ता भूजेन्द्र कुमार के अनुसार शिक्षक की गिनती सबसे अग्रणी लाईन में होती है, इसलिए उसकी जिम्मेदारी भी सबसे ज्यादा होती है। शिक्षक का मुख्य उद्देश्य बच्चों में सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न करना, टेंशन फ्री होकर उनकी समस्याओं का समाधान करना, उनके मध्य प्रभावपूर्ण बातचीत आदि होनी चाहिए साथ ही शिक्षक को अपनी कक्षा में प्रसन्नचित मुद्रा में जाना चाहिए। अनिल आर्य के अनुसार अध्यापक को बाल मनोविज्ञान की जानकारी होनी चाहिए और अध्यापक की झोली में जितने सारे कौशल होगें वह उतना ही सफल अध्यापक होगा, क्योंकि बच्चों का मन बडा चंचल होता है उन्हें खेल-खेल के माध्यम से शिक्षा देना ही एक सफल अध्यापक की पहचान है।  
कार्यशाला में स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल, फ्यूचर विजन पब्लिक स्कूल, जयभारत विद्या मंदिर, होली वे पब्लिक स्कूल, आदर्श विद्या मंदिर, ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल आदि लगभग 11 विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षिकाओं ने आज की कार्यशाला में प्रतिभाग किया और अपनी शिक्षण पद्धति को प्रभावी बनाने के लिए कार्यशाला में बताई गयी विभिन्न शैलियों को गंभीरता से सीखा और अपने शिक्षण में उनको लागू करने का संकल्प लिया। कार्यशाला में रामपाल सिंह, सतेन्द्र कुमार, संजीव कुमार, पंकज धीमान, कुलदीप सिवाच, प्रविता सिंह, तेजवीर सिंह, राकेश कुमार, महेशपाल सिंह, अमित शर्मा, बिजेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, मलिकराम मैनेजर जयहिन्द पब्लिक स्कूल, पी0के0 निर्वाल निदेशक ज्ञान दीप पब्लिक स्कूल अनिल आर्य, शिव कुमार आदि विभिन्न विद्यालयों के प्रबन्धक तथा प्रधानाचार्यों ने भी प्रतिभाग किया और अपने विचार रखे। अतिथि के रूप में डॉ0 प्रेरणा मित्तल, अनिल आर्य, पी0के0 निर्वाल उपस्थित रहें और अपने विचार रखें और सभी प्रतिभागियों का मार्गदशन किया।
कार्यशाला के अन्त में एफिलिटिड स्कूल्स एण्ड सोसयल वैलफेयर के अध्यक्ष जसवीर राणा और मेरा वजूद फाउण्डेशन के चेयरमैन व होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 प्रवेन्द्र दहिया एवं अतिथियों द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित करते हुए बताया कि इन तीन दिनों में वक्ताओं द्वारा बताये गये निद्रेशों को अपने जीवन में ग्रहण करें और बच्चों को इन निर्देशों का महत्व बतायें और अपने जीवन में पालन करने के लिए प्रेरित करें। 
सभी वक्ताओं एवं मुख्यअतिथियों को प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया द्वारा शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। एफिलिटिड स्कूल्स एण्ड सोसयल वैलफेयर के सरंक्षक एस0सी0 त्यागी ने सभी प्रतिभागियों तथा अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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