भूजल सप्ताह का हुआ शुभारंभ --------------------------------------------------16 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक मनाया जाएगा भूजल सप्ताह --------------------------------------------------"2025 की थीम जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित" के साथ विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों का होगा आयोजन -------------------------------------------------- फ्लायर्स के माध्यम से भूजल सप्ताह के विषय में किया गया प्रचार- प्रसार -------------------------------------------------- डॉ राजीव कुमार द्वारा बालिकाओं को दिलाई गई *जल शपथ* ------------------------- ------------------------- भूजल क्विज प्रतियोगिता में सफल बालिकाओं को उपहार भेंट कर किया गया उनका उत्साहवर्धन ------------------------------------------ भविष्य के लिए जल संरक्षण एवं जल संचयन जरूरी ****************** जिला समन्वयक, समेकित शिक्षा ------------------------- ------------------------- भूजल के दुरूपयोग को रोकें ****************** जिला समन्वयक , बालिका शिक्षा ------------------------------------------ 16 जुलाई 2025, जिलाधिकारी महोदय श्री उमेश मिश्रा के निर्देशन एवम मुख्य विकास अधिकारी महोदय श्री कण्डारकर कमलकिशोर देशभूषण के मार्गदर्शन में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय नगरीय क्षेत्र मुज़फ्फर नगर में भूजल सप्ताह का शुभारंभ किया गया -------------------------------------------------- भूजल सप्ताह के अंतर्गत आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित बालिकाओं को डॉ राजीव कुमार द्वारा भूजल के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।। मुख्य अतिथि के रूप में श्री सुशील कुमार जिला समन्वयक समेकित शिक्षा की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में श्री अंकुर कुमार जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की उपस्थिति रही। बालिकाओं को बताया गया कि
भूजल, जिसे भूमिगत जल/ भूगर्भ जल भी कहा जाता है, पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों में पाया जाने वाला पानी है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है जिसका उपयोग पीने, सिंचाई और औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।
भूजल तब बनता है जब वर्षा का पानी, नदियों और झीलों का पानी, या अन्य सतह का पानी मिट्टी और चट्टानों के माध्यम से रिसकर नीचे चला जाता है।
भूजल चट्टानों और मिट्टी के बीच के खाली स्थानों, जिन्हें जलभृत (aquifers) कहा जाता है, में जमा होता है।
भूजल का उपयोग पीने के पानी, सिंचाई, औद्योगिक प्रक्रियाओं, और अन्य उपयोगों के लिए किया जाता है।
भूजल एक नवीकरणीय संसाधन है, लेकिन नवीनीकरण की दर विभिन्न कारकों जैसे वर्षा, वाष्पीकरण, और भूजल निकासी पर निर्भर करती है।
भूजल पृथ्वी पर ताजे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और जल चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भूजल का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि अत्यधिक दोहन से जल स्तर में गिरावट, पानी की गुणवत्ता में कमी और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं हो सकती हैं।
भारत दुनिया में सबसे बड़ा भूजल उपभोक्ता है, जिसका 87% से अधिक उपयोग कृषि में होता है।
भारत में भूजल स्तर में गिरावट एक गंभीर समस्या है, खासकर कुछ क्षेत्रों में, जहां अत्यधिक दोहन और प्रदूषण के कारण जल स्तर खतरनाक स्तर तक गिर गया है।
भूजल स्तर में गिरावट के मुख्य कारणों में अत्यधिक दोहन, प्रदूषण, वर्षा की कमी, और शहरीकरण शामिल हैं। *भूजल सप्ताह जन जागरूकता कार्यक्रम* का आयोजन एवं संचालन डॉ राजीव कुमार द्वारा किया गया। भूजल क्विज प्रतियोगिता में सफल बालिकाओं संजना, कनक, राधिका, वंशिका एवं ईशु को अतिथियों द्वारा उपहार देकर उत्साहवर्धन किया गया। उक्त जन जागरूकता कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संदीप कुमार के नेतृत्व में विद्यालय वार्डन, बबीता शर्मा,शिक्षक राखी गोयल, शिल्पा सैनी एवं बालिका मेघा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय वार्डन द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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